Samay Raina made fun of a blind newborn: The child needs an injection worth ₹16 crore; Supreme Court is angry, said- we are troubled by them
इंडियाज गॉट लेटेंट शो में पेरेंट्स पर अश्लील कंटेंट के आरोप में फंसे समय रैना पर अब स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) से पीड़ित एक नेत्रहीन नवजात का मजाक उड़ाने का आरोप लगा है।
उन पर ये आरोप क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने लगाया है। फाउंडेशन ने कोर्ट को बताया- दस महीने पहले समय रैना ने दैट कॉमेडी क्लब में स्टैंडअप में कहा था- ‘देखो चैरिटी अच्छी बात है, करनी चाहिए। मैं एक चैरिटी देख रहा था, जिसमें एक दो महीने का बच्चा है, जिसे कुछ तो क्रेजी हो गया है। जिसके इलाज के लिए उसे 16 करोड़ रुपए का इंजेक्शन चाहिए।
समय ने शो में बैठी एक महिला से सवाल किया- मैम, आप बताइए…अगर आप वो मां होतीं और आपके बैंक में 16 करोड़ रुपए आ जाते। एक बार तो अपने पति को देखकर बोलती ना कि मंहगाई बढ़ रही है, क्योंकि कोई गांरटी नहीं है कि वो बच्चा उस इंजेक्शन के बाद भी बचेगा। मर भी सकता है। सोचो इंजेक्शन के बाद मर गया। उससे भी खराब सोचो कि 16 करोड़ के इंजेक्शन के बाद बच्चा बच गया, फिर बड़ा होकर बोले कि मैं पोएट बनना चाहता हूं।
फाउंडेशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे कंटेंट को परेशान करने वाला बताया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- हम इन आरोपों से सचमुच परेशान हैं, हम ऐसे मामलों को रिकॉर्ड में रखते हैं। संबंधित व्यक्तियों को शामिल करके उपाय सुझाएंगे, फिर हम देखेंगे

Samay Raina made fun of a blind newborn
Case of lewd comments on parents and women in the show
स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ पर विवाद जारी है। समय ने 8 फरवरी को अपने यूट्यूब चैनल पर शो का एक एपिसोड अपलोड किया था। जिसमें यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया ने पेरेंट्स और महिलाओं को लेकर भद्दी बातें कही थीं। दैनिक भास्कर उन बातों का जिक्र नहीं कर सकता है।
FIR was registered in many places including Assam
एपिसोड के सामने आते ही शो और इससे जुड़े लोगों की जमकर आलोचना होने लगी। रणवीर पर महाराष्ट्र, असम समेत कई जगहों पर FIR दर्ज की गई। साथ ही समय के अलावा इस शो के उन 30 गेस्ट के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ, जिन्होंने पहले एपिसोड से अब तक के शो में हिस्सा लिया था।
The show averaged over 20 million views per episode

Clarification given as controversy escalated, all episodes deleted
समय रैना के इस शो के हर एपिसोड को यूट्यूब पर औसतन 20 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिलते थे। समय और बलराज घई को छोड़कर इस शो के हर एपिसोड में जज बदलते रहते थे। हर एपिसोड में नए कंटेस्टेंट को परफॉर्म करने का मौका मिलता था। कंटेस्टेंट को अपना टैलेंट दिखाने के लिए 90 सेकेंड दिए जाते थे। अब इस शो के सभी वीडियोज रिमूव कर दिए गए हैं।
There are 5 types of spinal muscular atrophy
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टाइप-0: यह तब होती है जब बच्चा पेट में पल रहा होता है। जन्म से ही बच्चे में जोड़ों का दर्द रहता है। हालांकि, ऐसे मामले दुनिया में कम ही सामने आते हैं।
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टाइप-1: ऐसा होने पर बिना किसी की मदद से बच्चा सिर तक नहीं हिला पाता। हाथ-पैर ढीले रहते हैं। कुछ भी निगलने में भी दिक्कत आती है। तीरा इसी से जूझ रही है।
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टाइप-2: इसके मामले 6 से 18 महीने के बच्चे में सामने आते हैं। हाथ से ज्यादा असर पैरों पर दिखता है। नतीजा वो खड़े नहीं हो पाते।
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टाइप-3: 2-17 साल के लोगों में लक्षण दिखते हैं। टाइप-1 व 2 के मुकाबले बीमारी का असर कम दिखता है लेकिन भविष्य में व्हीलचेयर की जरूरत पड़ सकती है।
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टाइप-4: स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी का यह प्रकार वयस्कों में दिखता है। मांसपेशियां में कमजोर हो जाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है। हाथ-पैरों पर असर दिखता है
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