No tax on UPI transactions above ₹2,000: Finance Ministry calls reports of GST imposition fake; Incentive scheme was extended last month
The ministry said that the reports of levying GST are completely false and baseless. MDR (Merchant Discount Rate) on UPI’s P2M (Person to Merchant) transactions is zero since January 2020. Therefore, GST is not applicable on them
केंद्र सरकार ने 19 मार्च को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को प्रमोट करने के लिए इंसेंटिव स्कीम को एक साल के लिए बढ़ा दिया था।

Why UPI Crashed in India?
केंद्र सरकार ने 19 मार्च को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को प्रमोट करने के लिए इंसेंटिव स्कीम को एक साल के लिए बढ़ा दिया था। यह स्कीम 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी और इस पर करीब 1,500 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट में लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस स्कीम में रुपे डेबिट कार्ड और BHIM-UPI के जरिए 2,000 रुपए तक के पर्सन टू मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन करने पर छोटे दुकानदारों को 0.15% इंसेंटिव मिलेगा।
पर्सन टू मर्चेंट UPI ट्रांजैक्शन का मतलब है व्यापारी और ग्राहक के बीच किया गया UPI ट्रांजैक्शन है। यह स्कीम 1 अप्रैल 2021 से लागू है। रूपे डेबिट कार्ड को प्रमोट करने का सीधा असर ग्लोबल पेमेंट कंपनीज वीजा और मास्टरकार्ड पर पड़ेगा।
How will shopkeepers get incentives, understand with an example
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अगर ग्राहक 2000 रुपए का सामान खरीदता है और UPI से पेमेंट करता है, तो दुकानदार को 3 रुपए का इंसेंटिव मिलेगा। वहीं बैंकों को भी इंसेंटिव मिलेगा। सरकार, बैंकों के दावे की 80% राशि तुरंत दे देगी। बैंक को बची 20% राशि बैंकों को तब मिलेगी, जब बैंक की तकनीकी खराबी 0.75% से कम होगा। बैंक का सिस्टम अपटाइम 99.5% से ज्यादा होगा।
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स्कीम के तहत, एक्वायरिंग बैंक्स को सरकार RuPay और BHIM-UPI सिस्टम के जरिए किए गए ट्रांजैक्शन की वैल्यू का परसेंटेज देती है। एक्वायरिंग बैंक का मतलब है ऐसे सभी बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन जो व्यापारियों के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड पेमेंट को प्रोसेस करते हैं।

कैसे दुकानदारों को इंसेंटिव मिलेगा, एक उदाहरण से समझिए
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में 20,000 करोड़ ट्रांजैक्शन पूरा करना
सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में 20,000 करोड़ ट्रांजैक्शन पूरा करना है। साथ ही छोटे शहरों और गावों तक UPI को बढ़ावा देना है।
पहले, RuPay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट जीरो कर दिया गया था। अब, इस नई इंसेंटिव स्कीम से दुकानदारों को UPI पेमेंट लेने के लिए प्रमोट किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि, ‘UPI पेमेंट दुकानदारों के लिए आसान, सुरक्षित और फास्ट पेमेंट सर्विस है। साथ ही बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज के पैसे सीधे बैंक खाते में आते हैं।’
UPI is operated by NCPI
भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था।
How does UPI work?
UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है।
अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं।

How does UPI work?
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UPI सिस्टम रियल टाइम फंड ट्रांसफर करता है
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किसी को पैसा भेजन के लिए आपको सिर्फ उसके UPI आईडी (एक वर्चुअल आइडेंटी जैसे ई-मेल एड्रेस, मोबाइल नंबर,आधार नंबर) की जरूरत होगी।
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UPI आईडी होने से आपको फंड ट्रांसफर करने के लिए लाभार्थी का नाम, अकाउंट नंबर, बैंक आदि की जानकारी लेने की जरूरत नहीं होगी। IFSC कोड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रकम ट्रांसफर होता है।
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UPI को IMPS के मॉडल पर डेवलप किया है। इस लिए इस ऐप से आप 24*7 बैंकिंग कर सकते हैं।
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UPI से ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए ओटीपी, सीवीवी कोड, कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट आदि की जरूरत नहीं होगी।
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एक मोबाइल एप्लीकेशन से कई बैंक अकाउंट से ट्रांजेक्शन किया जा सकता है।
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