Christian religious leader Pope Francis is no more: Died of brain stroke at the age of 88; Appealed for peace in Gaza in last message
कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार उन्होंने कल सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप ने आखिरी सांस ली। पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे।
अपनी मृत्यु से एक दिन पहले पोप फ्रांसिस ने ईस्टर संडे के लिए मौन आशीर्वाद दिया। उन्होंने एक बयान जारी कर गाजा समेत दुनिया भर में चल रहे संघर्ष पर बात की और शांति की अपील की, जिसे उनके एक सहयोगी ने जोर से पढ़ा।
पोप के निधन पर भारतीय गृह मंत्रालय ने 3 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इसमें पहले दो दिन का राष्ट्रीय शोक 22 और 23 अप्रैल को रहेगा, जबकि तीसरे दिन का राष्ट्रीय शोक अंतिम संस्कार वाले दिन रहेगा।
वेटिकन के मुताबिक स्ट्रोक और हार्ट फैलियर की वजह से पोप की मौत हुई। इससे पहले इटैलियन मीडिया ने भी बताया था कि ब्रेन स्ट्रोक की वजह से पोप के दिमाग में रक्तस्राव हो गया था। 14 फरवरी को फेफड़ों में इन्फेक्शन की वजह से उन्हें रोम के एक हॉस्पिटल में एडमिट भी किया गया था।

Pope Francis greeted people from the Vatican balcony on Easter Sunday
पोप फ्रांसिस 1300 साल में पहले गैर-यूरोपीय थे, जिन्हें पोप चुना गया था। पोप ने समलैंगिक व्यक्तियों के चर्च आने, सेम-सेक्स कपल्स को आशीर्वाद देने, पुनर्विवाह को धार्मिक मंजूरी देने जैसे बड़े फैसले लिए। उन्होंने चर्चों में बच्चों के यौन शोषण पर माफी भी मांगी थी।
भारत और स्पेन में पोप के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
आज रात 11:30 बजे वेटिकन में पोप का शव ताबूत में रखा गया। उनके वेटिकन स्थित सेंट मार्था निवास पर कार्डिनल केविन जोसेफ फैरेल ने उनका शव ताबूत में रखा। बुधवार को उनका शव सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा जा सकता है।
Pope’s blood test report showed signs of kidney failure
पिछले कई महीनों से पोप स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज भी चल रहा था। वे 5 हफ्ते तक फेफड़ों में इन्फेक्शन के चलते अस्पताल में भर्ती थे।
इलाज के दौरान कैथलिक चर्च के हेडक्वॉर्टर वेटिकन ने बताया था कि पोप की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में किडनी फेल होने के लक्षण दिख रहे थे। हालांकि 14 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था
Pope’s body will be kept for final darshan
पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार होगा। इसमें कई दिनों तक चलने वाले धार्मिक अनुष्ठान होंगे। उनके पार्थिव शरीर को दर्शनों के लिए रखा जाएगा। दुनिया भर से लोग अंतिम संस्कार से पहले उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे।
पोप का जन्म 17 दिसम्बर 1936 को अर्जेंटीना के फ्लोरेंस शहर में हुआ था
पोप फ्रांसिस अर्जेंटीना के एक जेसुइट पादरी थे, वो 2013 में रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप बने थे। उन्हें पोप बेनेडिक्ट सोलहवें का उत्तराधिकारी चुना गया था। पोप फ्रांसिस बीते 1000 साल में पहले ऐसे इंसान थे जो गैर-यूरोपीय होते हुए भी कैथोलिक धर्म के सर्वोच्च पद पर पहुंचे।
पोप का जन्म 17 दिसम्बर 1936 को अर्जेंटीना के फ्लोरेंस शहर में हुआ था। पोप बनने से पहले उन्होंने जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो नाम से जाना जाता था। पोप फ्रांसिस के दादा-दादी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी से बचने के लिए इटली छोड़कर अर्जेंटीना चले गए थे। पोप ने अपना ज्यादातर जीवन अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में बिताया है।
वे सोसाइटी ऑफ जीसस (जेसुइट्स) के सदस्य बनने वाले और अमेरिकी महाद्वीप से आने वाले पहले पोप थे। उन्होंने ब्यूनस आयर्स यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की थी। साल 1998 में वे ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप बने थे। साल 2001 में पोप जॉन पॉल सेकेंड ने उन्हें कार्डिनल बनाया था।

The first non-European to become Pope in 1000 years
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