Dalai Lama turns 90, 3 signs of ‘reincarnation’ Why is China obstructing

वर्तमान दलाई लामा का जन्म 1935 में चीन के उत्तर पश्चिम में ताक्तेसर गांव में हुआ था।
Buddhist spiritual leader Dalai Lama turned 90 today. Four days before his birthday, Dalai Lama had announced that his successor will be chosen through Tibetan tradition and only Dalai Lama’s Gaden Phodrang Trust will be able to make this choice.
चीन का कहना है कि उसकी सरकार की मंजूरी के बिना अगले दलाई लामा का चुनाव नहीं हो सकता।
Childhood photo of the current Dalai Lama.


                                   Childhood photo of the current Dalai Lama.

Who is the Dalai Lama?
दलाई लामा तिब्बत के बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक पद है। वर्तमान दलाई लामा तेन्जिन ग्यास्तो इस पद को पाने वाले 14वें बौद्ध धर्मगुरु है। माना जाता है कि दलाई लामा की मृत्यु के बाद उनकी आत्मा पुनर्जन्म लेकर आती है और ऐसे ही यह परंपरा जारी रहती है।
1557 में मंगोल के शासक अलतान खान ने दलाई लामा की परंपरा शुरू की थी। उस समय बौद्ध धर्म के सर्वोच्च धर्म गुरु सोनम ग्यात्सो को तीसरा दलाई लामा बनाया गया। पहले दो दलाई लामा- गेदुन द्रुपा और गेदुन ग्यात्सो को मरणोपरांत दलाई लामा की उपाधि दी गई थी।
How is the Dalai Lama chosen?
दलाई लामा की मृत्यु के बाद जब शोक का समय खत्म हो जाता है, तब नए दलाई लामा की खोज शुरू होती है…
  • दलाई लामा मृत्यु से पहले अपने उत्तराधिकारी की कुछ निशानियां बता जाते हैं और कुछ निशानियों की पहचान बौद्ध भिक्षु करते हैं।
  • मृत्यु के समय दलाई लामा के शव की दिशा, मृत्यु के बाद भिक्षुओं को आए सपनों से नए दलाई लामा को खोजने की दिशा तय की जाती है। इसमें ज्योतिष भी मदद करते हैं।
  • दलाई लामा की पहचान करने वाला दल पहले उनकी मृत्यु के समय या उसके आस-पास पैदा हुए बच्चों की खोज करते हैं। इनमें से विशेष लक्षण वाले बच्चों की पहचान की जाती है।
  • अगर किसी बच्चे में दलाई लामा होने के गुण दिखाई देते हैं, तो उसकी परीक्षा ली जाती है। उससे दलाई लामा के बारे में सवाल किए जाते हैं, उनका सामान दिखाया जाता है।
  • जब बच्चा इस परीक्षा में पास हो जाता है, तो उसे दलाई लामा का पुनर्जन्म मान लिया जाता है। इसके बाद बच्चे को बौद्ध धर्म और परंपराओं की शिक्षा दी जाती है

अगले दलाई लामा की क्या भविष्यवाणी है? 

As per the announcement made by the current Dalai Lama on July 2, the tradition of succession will continue and the next Dalai Lama will be elected according to Tibetan tradition.
That is, the Dalai Lama has confirmed that he will be ‘reborn’. The responsibility of identifying the next Dalai Lama has been given to the Gaden Phodrang Trust. This trust is responsible for identifying the Dalai Lama in India.
वर्तमान दलाई लामा अपने उत्तराधिकारी के लिए तीन मुख्य भविष्यवाणियां कर चुके हैं…
  • उत्तराधिकारी आजाद देश में पैदा होगा। इससे यह अंदाजा लगाया जाता है कि अगले दलाई लामा तिब्बत या चीन में पैदा न होकर भारत में पैदा हो सकते हैं। ऐसे में भारत में रह रहे करीब 1 लाख 40 हजार तिब्बतियों में से अगले दलाई लामा की खोज होगी।
  • अगला दलाई लामा कोई बच्चा नहीं, बल्कि वयस्क हो सकता है।
  • जरूरी नहीं कि अगला दलाई लामा पुरुष ही हो। यानी पहली बार किसी स्त्री के दलाई लामा बनने के रास्ते भी खुले हैं।

 

 

What is China's objection to the election of the Dalai Lama?


                             What is China’s objection to the election of the Dalai Lama?

 

The Chinese Foreign Ministry has issued a statement saying,
The Dalai Lama, Panchen Lama and other Buddhist religious leaders should be elected by drawing lots from the golden urn. And this should have the approval of the Chinese government
दलाई लामा, पंचेन लामा और अन्य बौद्ध धर्मगुरुओं का चुनाव स्वर्ण कलश से चिट्ठी निकालकर ही होना चाहिए। और इसमें चीन की सरकार की मंजूरी होनी चाहिए।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी धर्म में विश्वास नहीं करती। वह अपनी पसंद से दलाई लामा की नियुक्ति करके, तिब्बत से दलाई लामा का प्रभाव खत्म करना चाहता है।
चीन की सरकार ने 2007 में तिब्बत के धर्मगुरुओं की नियुक्ति में चीनी सरकार की मंजूरी जरूरी होने का नियम बनाया था। चीन का कहना है कि अगले दलाई लामा चीन से ही होने चाहिए। दूसरे किसी देश में पैदा हुए उत्तराधिकारी को अवैध माना जाएगा।
What did India say after the announcement of Dalai Lama?
दलाई लामा का पद सिर्फ तिब्बत के लिए ही नहीं, दुनिया भर में उन्हें मानने वालों के लिए बहुत महत्व का है। अपना उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार दलाई लामा के अलावा और किसी के पास नहीं है।
Residence of the Dalai Lama and Tibetan followers in McLeod Ganj, Dharamshala.


    Residence of the Dalai Lama and Tibetan followers in McLeod Ganj, Dharamshala.


How did the current Dalai Lama leave China and come to India?
Today Tibet is a part of China, but it was not always like this. In 1949, the Communist Party came to power in China. In 1950, the Chinese government sent its army and occupied Tibet. After this, an agreement was signed between the Chinese and Tibetan governments, in which China said that it would maintain Tibet’s independence.
इसके बावजूद अगले एक दशक तक चीनी सेना तिब्बत के लोगों पर अत्याचार करती रही। वर्तमान दलाई लामा की ऑटोबायोग्राफी के मुताबिक, मार्च 1959 में चीन की सेना दलाई लामा के महल तक पहुंच गई। दलाई लामा एक सिपाही के कपड़े पहनकर तिब्बत से भागे। करीब दो हफ्तों तक कई गांवों और मॉनेस्ट्री ने उन्हें शरण दी। 31 मार्च 1959 को अपने परिवार, अंगरक्षकों और कुछ तिब्बतियों के साथ अरुणाचल प्रदेश के रास्ते दलाई लामा भारत पहुंचे।
2 अप्रैल को आधिकारिक तौर से भारत सरकार ने उनका स्वागत किया और 3 अप्रैल को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दलाई लामा को भारत में शरण देने की घोषणा की। हालांकि ऐसा करने से चीन से रिश्तों पर असर पड़ सकता था इसलिए कई लोगों ने नेहरू के फैसले का विरोध भी किया।
भारत सरकार ने दलाई लामा को पहले असम के तेजपुर में रहने की जगह दी। फिर कुछ समय वे मसूरी में रहे और आखिरकार 1960 में धर्मशाला में बस गए।

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